विचलन रहित वर्ण विक्षेपण –

विचलन रहित वर्ण-विक्षेपण (Dispersion without Deviation )

इस क्रिया में प्रकाश का केवल वर्ण-विक्षेपण होता है , विचलन नहीं अर्थात आपतित प्रकाश की दिशा में ही स्पेक्ट्रम प्राप्त होता हैं।

इसके लिए भी क्राउन काँच और फ्लिण्ट काँच के दो प्रिज्म लिये जाते हैं।

उन्हें इस प्रकार रखा जाता है कि उनके कोण परस्पर विपरीत हों।

अब यदि पहले प्रिज्म के द्वारा माध्य किरण का विचलन दूसरे प्रिज्म के द्वारा माध्य किरण का विचलन के बराबर तथा विपरीत हो , तो कुल विचलन शून्य होगा। अतः विचलन रहित वर्ण-विक्षेपण प्राप्त होगा।

जब श्वेत प्रकाश प्रिज्म C पर आपतित होता है तो वह सात रंगो मे विभक्त कर देता है।

विचलन रहित वर्ण विक्षेपण

दूसरा प्रिज्म F इन रंगों को विपरीत दिशा में मोड़ देता है। माध्य किरण का परिणामी विचलन शून्य होने पर निर्गत् प्रकाश में माध्य किरण आपतित प्रकाश के समान्तर होती है।

इस स्थिति में सभी रंग की किरणें लगभग आपतित किरण के समान्तर होती हैं।

शर्त :-

चित्र के अनुसार मानलो माध्य किरण के लिए क्राउन काँच एवं फ्लिण्ट काँच के अपवर्तनांक क्रमशः μy एवं μy’ हैं।

यदि प्रिज्मों के कोण क्रमशः A एवं A’ हो , तो

क्राउन काँच के प्रिज्म द्वारा माध्य किरण का विचलन δy = (μy -1) A

फ्लिण्ट काँच के प्रिज्म द्वारा माध्य किरण का विचलन δy ‘ = (μy’ -1) A’

किन्तु प्रिज्मों के इस संयोग में माध्य किरण का विचलन शून्य होता है।

अतः δy + δy ‘ = 0या (μy -1) A + (μy’ -1) A’ = 0

या (μy -1) A = – (μy’ -1) A’

A/A’ = – (μy’ -1) / (μy -1)

ऋण चिन्ह इस बात का द्योतक है कि प्रिज्मों के कोण विपरीत दिशा में होते हैं।

यही विचलन रहित वर्ण-विक्षेपण के लिए आवश्यक शर्त है।

परिणामी वर्ण-विक्षेपण :-

मानलो बैंगनी व लाल रंग की किरणों के लिए क्राउन और फ्लिण्ट काँच के अपवर्तनांक क्रमशः μv व μr और μv’ व μr’ हैं।

अतः क्राउन काँच के प्रिज्म द्वारा उत्पन्न कोणीय वर्ण-विक्षेपण = (μv – μr)A

तथा फ्लिण्ट काँच के प्रिज्म द्वारा उत्पन्न कोणीय वर्ण- विक्षेपण = (μv’ – μr’) A’परिणामी कोणीय वर्ण-विक्षेपण θ = (μv – μr)A + (μv’ – μr’) A’

= (μv – μr)A – {(μv’ – μr’) (μy -1) A }/ (μy’ -1)

θ = (μv – μr)A [ 1- {(μv’ – μr’) (μy -1) A}/( (μy’ -1)(μv – μr)]θ

= (μv – μr)A (1- ω’/ω)या θ = δy (ω – ω’)

ω’ = (μv’ – μr’) / (μy’ -1) = फ्लिण्ट काँच के प्रिज्म की वर्ण-विक्षेपण क्षमता

ω = (μv – μr) / (μy -1) = क्राउन काँच के प्रिज्म की वर्ण-विक्षेपण क्षमता।

चूंकि ω कभी भी ω’ के बराबर नहीं होता। अतः परिणामी कोणीय वर्ण-विक्षेपण कभी भी शून्य नहीं होगा।

प्रिज्मों के इस संयोग का उपयोग समक्ष दृष्टि स्पेक्ट्रोमीटर की रचना में किया जाता है ।

वर्ण-विक्षेपण रहित विचलन और विचलन रहित वर्ण-विक्षेपण में अन्तर :-

वर्ण-विक्षेपण रहित विचलन:-

1. इस क्रिया में प्रकाश का केवल विचलन होता है , वर्ण-विक्षेपण नहीं।

2. इसमें प्रयुक्त क्राउन काँच और फ्लिण्ट काँच के प्रिज्मों के कोणों का अनुपात निम्न होता है :
A/A’ = (μv’ – μr’) / (μv – μr )

3. इस क्रिया का उपयोग प्रिज्मों के अवर्णक संयोग की रचना में किया जाता है।

विचलन रहित वर्ण-विक्षेपण :-

1. इस क्रिया में प्रकाश-किरण का वर्ण-विक्षेपण होता है , विचलन नहीं।

2. इसमें प्रयुक्त क्राउन काँच और फ्लिण्ट काँच के प्रिज्मों के कोणों का अनुपात निम्न होता है :
A/A’ = ( μv’ -1) / (μv -1)

3. इस क्रिया का उपयोग समक्ष दृष्टि स्पेक्ट्रोस्कोप में किया जाता है।

द्वितार लाइन (Two Wire Line)

समाक्षीय केबल (Co-axial Cable) किसे कहते हैं?

टेलीफोन लिंक (Telephone links)

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प्रकाशिक तन्तु संचार लिंक

प्रिज्म के अपवर्तनांक का सूत्र :-

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Author: educationallof

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